Monday, July 16, 2012

अभिवादन शीलस्य नित्यं वृधोपसेविन |

अभिवादन शीलस्य नित्यं वृधोपसेविन |

चत्वारि तस्य वर्धन्तॆ आयुर्विद्या यशॊ बलम् ||



अर्थात :- अपने माता पिता , गुरुजन , को नित्य नमस्कार करने वाले , सेवा करने वाले व्यक्तियों के चार गुण सदैव बढ़ते रहते है |

१-आयु

२-यश

३-विद्या

४-बल



अपूज्या यत्र पूज्यन्ते पुज्यानांच विमानना |

त्रीणि तत्र प्रवर्तन्ते दुर्भिक्षं मरणं भयम् ||



जहाँ अयोग्य का सम्मान हो , योग्य का तिरस्कार हो वहां तीन घटनाये अवश्य घटित होती है |

१-अकाल

२-आकस्मिक मृत्यु

३-भय का वातावरण

और आज भारत में यह यही हालात है जो किसी से छुपा भी नहीं है ||




आज सामर्थवान हिन्दू को आवश्यकता है की समय समय पर उसे अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते रहना चाहिए | कंही ऐसा ना हो सामर्थवान हिन्दू अपने सामर्थ के गरूर में अपनी शक्ति का प्रयोग करना भूल जाए ||



बिलकुल वैसे ही जैसे भारत के अधिकतर हिन्दुओं ने अपने सामर्थ के गरूर में अपनी शक्ति का प्रयोग करना भुला दिया था और अहिंसा के नाम पर कायर और सेकुलारिजम के नाम पर नपुंसक बन बैठा ||



जब जागो तब सुबह होती है और जब आँखे बंद करो तब अन्धकार ,,

निश्चय करने वालों की ही जीत होती है ||



चाणक्य ने कहा है की जो व्यक्ति निडरता , निश्चय , निति और शौर्य से युद्ध करता है उसकी जीत अवश्य होती है |



गुरु गोविन्द सिंह जी ने भी कहा है :-

देह शिवा वर मोहे, शुभ करमन से कबहूँ ना तरूं;

कबहूँ ना डरूं, जब जाये लडूं , निश्चय कर अपनी जीत करूं



हमारे पडोसी दुश्मन मुल्क पाकिस्तान सहित जितने भी इस्लामिक मुल्क है अधिकतर के पास ४ प्रकार की सेनाये है , जितने भी पश्चिमी देश है उनके पास भी चार प्रकार की सेनाये है लेकिन हमारे पास केवल तीन (३) सेनाये है ||

इस्लामिक और इसाई प्रभुत्तव वाले देशो की चार सेनाये है :-

१-थल सेना

२-नभ सेना

३-जल सेना

४-चर्च यानी इसाइयत और शरियत और इस्लामिक जिहादी |



और इसके विपरीत भारत केवल ३ सेनाओं पर निर्भर है :- जल ,थल ,नभ ||

हार कहाँ पर और कैसे रहे है हम ??

अपने धर्म से विमुख हो कर और अपने धर्म के प्रति असवेदंशील होने पर ||



शूरा सो पह्चनिए, जो लडे दीन के हेत |

पुर्जा पुर्जा कट मरे, कबहूँ ना छाडे खेत ||



अगर इसी तरह हम नपुंसकों और कायरों की भाँती अपना , अपने धर्म का , अपनी सभ्यता , अपनी संस्कृति , अपनी माँ भारती , और माँ भारती के शूरवीर सपूतों का पतन होते खुली आँखों से देखते रहेगे तो एक दिन हमारा अंत निश्चित हो जाएगा ||



उठो , जागो प्रतिकार करो चुप मत रहो क्योकि तुम्हारा चुप रहना माँ भारती और हिंदुत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है , इस्लामिक और इसाइयत प्रहार से भी बड़ा खतरा तुम्हारा चुप रहना है ||



इंडियन सेकुलर नहीं सनातनी भारतीय बनो , धर्म बचेगा तो राष्ट्र बचेगा नहीं तो भारत में कंही मुग्लिस्तान तो कंही दूसरा पाकिस्तान बनेगा ||



यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ||

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ||



इस मन्त्र को आत्मसात करो और भगवान् श्री कृष्ण से प्रेरणा लेकर अर्जुन बनो और हर धर्म युद्ध में विजयी होने के लिए अधर्मी , लोभी और सत्ता के दलालों का सर्वनाश करो उनको सही मार्ग पर लाओ भले ही वो तुम्हारे अपने सेकुलर हिन्दू हो या विधर्मी पाकिस्तान परस्त मुस्लिम ||



उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती

देश है पुकारता पुकारती माँ भारती

रगों में तेरे बह रहा है खून राम श्याम का

जगदगुरु गोविंद और राजपूती शान का

तू चल पड़ा तो चल पड़ेगी साथ तेरे भारती

देश है पुकारता पुकारती माँ भारती ||

उठा खडग बढा कदम कदम कदम बढाए जा

कदम कदम पे दुश्मनो के धड़ से सर उड़ाए जा

उठेगा विश्व हांथ जोड़ करने तेरी आरती

देश है पुकारता पुकारती माँ भारती ||

तोड़कर ध्ररा को फोड़ आसमाँ की कालिमा

जगा दे सुप्रभात को फैला दे अपनी लालिमा

तेरी शुभ कीर्ति विश्व संकटों को तारती

देश है पुकारता पुकारती माँ भारती ||

है शत्रु दनदना रहा चहूँ दिशा में देश की

पता बता रही हमें किरण किरण दिनेश की

ओ चक्रवती विश्वविजयी मात्र-भू निहारती

देश है पुकारता पुकरती माँ भारती ||





सार्थक और सकरात्मक सोचो किन्तु नकरात्मक दृष्टि को ताक पर रखकर नहीं क्योकि नकरात्मक दृष्टि ही सकरात्मक सोच को जन्म देती है || जो होने वाला है उसे रोकने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी | अन्यथा आगे जाकर देर हो चुकी होगी और पुनः भारत माँ के आँचल के टुकड़े होकर विधर्मियों के पैरों टेल रोंधे जायेगे ||



आगे आओ हे हिन्दू वीरों तुम शूरवीर हो ,, तुम भगवान् श्री राम कृष्ण के वंशज हो , तुम मंगल पांडे , आज़ाद , भगत सिंह ,राजगुरु , सुखदेव के वंसज हो | अपने ऊपर से जयचंद , मानसिंह ,गाँधी , नेहरू और शोभा सिंह जैसे कुकर्मी , अधर्मी और राष्ट्रद्रोही पूर्वजों का कलंक धो डालो ||



उठो आगे बढ़ो ,, माँ भारती तुम्हे पुकार रही है , तुम्हे निहार रही है , तुम्हे ललकार रही है उसकी रक्षा हेतु अपने धर्म का पालन करो , सनातनी बन कर भारत को अखंड भारत में बदल हुतात्मा नाथूराम गोडसे जी की पावन अस्थियों को सिन्धु के जल में प्रवाहित कर सम्पूर्ण ब्रह्मांड को गौर्वान्तित करा दो , बता दो भारत विश्व गुरु था , है और सदैव रहेगा ||

8 comments:

  1. beautiful n absolutely appropriate comments, opinion .It is certainly very high time Hindus need to wake up for existence,survival of its religion.
    I in my small capacity try to inculcate among our Hindus n more precisely children .

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  2. Hinduvom में साथ लेकर चलने का आदत padna चाहिएl व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण हम समाज को phool जाता हेl जिस समाज में समरसता का भाव vidyamaan नहीं वो समाज काल प्रवाह में नष्ट हो जाता हेl यह प्रकृति का नियम हे

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