सेक्स, क्राइम और मसाला यह सब बॉलिवुड में पहले भी था पर इसके मिश्रण के साथ पहले इतने प्रयोग नहीं हुए जितने आजकल हो रहे हैं. पहले हीरोइन को अगर हीरो छू भी लेता था तो वह जुल्म हो जाता था जबकि अब तो हीरो-हिरोइन के बीच “सब” कुछ हो जाता है और फिर भी कहानी में कोई विशेष मोड़ नहीं आता. बीते जमाने में फिल्म के विलेन का काम दर्शकों को रुलाना और उन्हें डराना होता था पर अब तो विलेन कॉमेडी करता है. देखा कितना बदल रहा है बॉलिवुड.
साल 2011 ने भी बॉलिवुड को बदलने में विशेष योगदान दिया. इस साल बॉलिवुड ने कई बदलाव देखे. फिल्मों में बोल्डनेस को नया आयाम मिला तो वही गालियों ने फिल्मों में विशेष स्थान बनाया. आइए नजर डालें आखिर कैसे बदल रहा है बॉलिवुड.
गालियों ने भी बनाई जगह: साल 2011 से पहले फिल्मों में गालियां कभी-कभी सुनाई देती थीं और उस पर भी सेंसर बोर्ड बीप लगा देता था. पर इस साल गालियां ना सिर्फ फिल्मों में नजर आईं बल्कि “देल्ही बेली” जैसी फिल्म तो लग रही थी कि पूरी फिल्म ही गालियों पर आधारित हो. देल्ही बेली, मर्डर 2 और कई अन्य फिल्मों में तो गालियों की पूरी बौछार थी. नो वन किल्ड जेसिका जैसी महिला प्रधान फिल्मों में महिलाएं भी गालियां देती दिखीं.
बोल्ड हुआ बॉलिवुड: एक समय था जब बॉलिवुड में बोल्ड के नाम पर अभिनेत्रियां ज्यादा से ज्यादा समुद्र के किनारे बिकनी में नहा लेती थीं या फिर फिल्म में एकाध बेड सीन होते थे. लेकिन अब तो फिल्मों में बोल्ड के सभी मायने ही बदल गए हैं. अब तो फिल्मों में हीरो-हिरोइन के बीच इतने अंतरंग दृश्य दिखाए जाते हैं कि लोगों को ब्लू फिल्म की शरण में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. मर्डर 2, साहब बीवी और गैंगस्टर, नो वन किल्ड जेसिका, रागिनी एमएमएस आदि जैसी फिल्मों ने साल 2011 में बॉलिवुड को सेक्स का तड़का लगाने का नया फॉर्मूला दिया. “ए” सार्टिफिकेट लो और फिल्म को रिलीज कराओ. अब फिल्मकार “ए” सार्टिफिकेट के साथ फिल्मों को पर्दे पर उतारने से बिलकुल नहीं कतराते.
एक्शन का रोमांच लौट आया: यह एक बात ऐसी है जिसने ट्रेड पंडितों के होश उड़ा दिए. जो लोग कहते थे कि अब दर्शक एक्शन से दूर होने लगे हैं उनकी सोच को साल 2011 में बॉडीगार्ड, रेडी और सिंघम जैसी सफल एक्शन फिल्मों ने बदल कर रख दिया.
विलेन का रोल बदला: कभी फिल्मों में विलेन का काम लोगों को डराना होता था पर अब विलेन दर्शकों को हंसाता भी है.
संगीत का असर हुआ है कम: कभी होता था कि फिल्मों में संगीत एक अहम रोल निभाया करते थे. पर अब फिल्में बिना किसी मजबूत संगीत के भी चल जाती हैं. लेकिन साल 2011 में ऐसी फिल्मों का बोलबाला रहा जिसमें बेहतरीन संगीत था.
No comments:
Post a Comment